फेंगशुई एक प्राचीन चीनी परंपरा है जो एक सकारात्मक वातावरण स्थापित करने में मदद करती है। यह समृद्धि, सौभाग्य, विपुलता और खुशी को आकर्षित करने के लिए विशेष वस्तुओं का उपयोग करने को प्रोत्साहित करता है। फेंगशुई में विभिन्न रंगों का उपयोग, फर्नीचर की व्यवस्था और भवन संरचनाओं का भी महत्व है।
फेंग शुई का शाब्दिक अर्थ है हवा और पानी। हवा और पानी का सही संतुलन ही फेंग शुई है। हवा से सुख की अनुभूति होती है और पानी से तृप्ति। जिस प्रकार भारतीय वास्तु शास्त्र में प्रकृति के पांच तत्वों - अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल और आकाश को महत्व दिया गया है, उसी प्रकार फेंग शुई में भी पांच तत्वों - अग्नि, पृथ्वी, धातु, जल और लकड़ी को महत्व दिया गया है।
फेंग शुई में, "ची" एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसे जीवन शक्ति या ऊर्जा के रूप में माना जाता है। फेंग शुई का लक्ष्य इस ऊर्जा को संतुलित करना और उसे सकारात्मक दिशा में प्रवाहित करना है।
फेंगशुई के तीन मुख्य सिद्धांत - ची, यिन और यांग, तथा पांच तत्व - सामंजस्यपूर्ण और स्वागतयोग्य स्थान बनाने में मौलिक हैं। अपने घर और कार्यालय की संरचना में इन सिद्धांतों को लागू करने से स्वास्थ्य में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।