अंक ज्योतिष

Numerology

अंकज्योतिष (Numerology) में प्रत्येक अंक का अपना विशेष महत्व और ऊर्जा होती है और इन अंकों को अपनी जिन्दगी में सही तरीके से शामिल करके, आप अपनी किस्मत को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं । अगर आप कुछ महत्वपूर्ण अंकों से खुद को जोड़ लें, तो खुद को और बेहतर बना सकते हैं। वास्तव में अंकज्योतिष में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल की विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। इन में से प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक कोई एक अंक निर्धारित किया गया है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है। अर्थात अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना ही अंक ज्योतिष कहलाती है। अंक ज्योतिष तीन तरह से व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है, मूलांक, भाग्यांक और नामांक।

मूलांक: किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को एक-एक कर जोड़ने से जो अंक प्राप्त होता है

भाग्यांक: किसी व्यक्ति की जन्म तिथि, माह और वर्ष को जोड़ने के बाद जो अंक प्राप्त होता है वो उस व्यक्ति का भाग्यांक कहलाता है।

नामांक: किसी व्यक्ति के नाम से जुड़े अक्षरों को जोड़ने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वो उस व्यक्ति का नामांक कहलाता है। नामांक में नाम की स्पेलिंग बदलकर बदलाव किया जा सकता है लेकिन मूलांक और भाग्यांक में नहीं।

अंक शास्त्र में किसी भी अंक को शुभ या अशुभ नहीं माना जाता है। जैसे की 7 को शुभ अंक माना जाता है लेकिन 13 को अशुभ, जबकि यदि 13 का मूलांक निकाला जाए तो भी 7 ही आएगा।

अंक ज्योतिष के अनुसार कोई व्यक्ति अपने भविष्य के साथ-साथ लोगों, उनके व्यक्तित्वों के बारे में कई चीजों, परिदृश्यों और क्या नहीं की भविष्यवाणी कर सकता है। अंक ज्योतिष में कई प्रकार की संख्याओं, तकनीकों और गणनाओं का विश्लेषण किया जाता है, और वे हैं- जन्म तिथि संख्या, कर्म चक्र संख्या, जीवन पथ संख्या, सूर्य संख्या आदि।

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