Category: Education
Date: 17 Oct 2025

प्रतिवर्ष धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था। इसी के कारण इसे धन्वंतरि जयंती के साथ-साथ धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ कुबेर जी, देवता यमराज के साथ धन्वतंरि जी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा वाहन, गणेश-लक्ष्मी जी मूर्ति, बर्तन, झाड़ू, साबुत धनिया से लेकर कई चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पीतल, चांदी या फिर धातु से बनी चीजें खरीदने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं धनतेरस का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, खरीदारी का समय, सहित अन्य जानकारी…
धनतेरस 2025 (Dhanteras 2025 Date)
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को पड़ेगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक रहेगा।
इसी समय भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की आराधना करना अत्यंत मंगलकारी माना गया है।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त-
18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे से लेकर अगली सुबह 6:24 बजे तक सोना-चांदी और अन्य वस्तुएं खरीदना शुभ माना गया है।
खास उपाय- धनतेरस की शाम को किया जाने वाला धनवर्षा पोटली उपाय बेहद प्रभावशाली माना गया है। लाल रेशमी कपड़े में एक चांदी का सिक्का, पांच कौड़ियां, एक हल्दी की गांठ, एक सुपारी, थोड़े चावल, गुलाब के सूखे फूल और थोड़ा इत्र या कपूर रखकर पोटली बनाएं। फिर इसे अपने सामने रखकर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का ध्यान करें और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 11 बार जप करें। इसके बाद इस पोटली को तिजोरी या धन रखने की जगह रख दें। माना जाता है कि यह उपाय घर में धन की वृद्धि करता है, आर्थिक रुकावटें दूर करता है और सालभर लक्ष्मी-कुबेर की कृपा बनाए रखता है।